अभी हिंदी सिनेमा जगत और पूरा हिंदुस्तान अभिनेता इरफ़ान खान की आकस्मिक मृत्यु से जूझ ही रहा था कि आज सुबह 30 अप्रैल को एक और दिल दहला देने वाली खबर आ गई. हरदिलअज़ीज़ रोमांटिक फिल्मों के सरताज ऋषि कपूर का आज सुबह निधन हो गया. उन्हें बुधवार रात को तबियत ख़राब होने के बाद एचएन रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वे दो साल से बोन मेरो कैंसर से लड़ रहे थे. 24 घंटे के अन्दर ही दो महान अभिनेताओं के आकस्मिक देहांत से न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया सदमे में है.
भारतीय दर्शकों को ऋषि कपूर की पहली झलक फिल्म “श्री 420” के मशहूर गाने “प्यार हुआ इकरार हुआ” में मिली थी. उसके बाद बाल कलाकार के तौर पर फिल्म “मेरा नाम जोकर” करने के बाद ऋषि कपूर फिल्म “बॉबी” में पहली बार नायक के तौर पर आये. इसमें इन्होने एक किशोर प्रेमी की भूमिका निभाई थी और इसी भूमिका के बदौलत वे जवां दिलों की धड़कन बन गए. फिल्म बॉबी ने सफलता के नए रिकॉर्ड कायम किये. इसके बाद ऋषि कपूर ने एक के बाद एक कई सारी सुपरहिट फ़िल्में दी. इनमें ज़्यादातर फिल्मों में उनका किरदार एक रोमांटिक प्रेमी का था जो अपनी प्रेमिका के लिए कुछ भी करने को तैयार रहता था. चाहे वह “कभी – कभी” का विक्की हो या “अमर अकबर एंथोनी” का अपनी प्रेमिका के पिता से गा गाकर मनुहारे करता अकबर, ऋषि कपूर ने अपने हर रूप में दर्शकों को लुभाया.
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ऐसी सुपरहिट फिल्मों की लम्बी फेहरिस्त है जिन्होंने दर्शकों के दिलों पर राज किया. करियर के दूसरे पड़ाव में भी ऋषि कपूर की एक रोमांटिक प्रेमी की भूमिका को दर्शकों ने हाथोहाथ लिया. फिल्म “जब तक है जान” में भी जब एक प्रौढ़ प्रेमी के रूप में ऋषि कपूर प्यार का फलसफा बयान करते है तो दर्शक दिल थाम कर रह जाते है – “हर इश्क़ का अपना वक़्त होता है... वो हमारा वक़्त नहीं था... इसका मतलब ये नहीं कि वो इश्क़ नहीं था...”
राष्ट्रीय पुरस्कार, फिल्मफेयर पुरस्कार से लेकर लाइफ टाइम अचीवमेंट जैसे कई पुरस्कारों से नवाज़े गए ऋषि कपूर भले ही आज हमारे बीच नहीं रहे लेकिन अपने चाहने वालों के दिलों में वे हमेशा जिंदा रहेंगे.