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जानिए रामायण के प्रभु श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण भैया को

जानिए रामायण के प्रभु श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण भैया को
Image Credit - Ramayan

जब लॉकडाउन में इतिहास रचने वाले रामायण धारावाहिक का पुनर्प्रसारण शुरू हुआ तब शायद दूरदर्शन ने भी नहीं सोचा होगा 30 साल से भी ज्यादा वक़्त के बाद प्रसारित हो रहा यह धारावाहिक सफलता के नए कीर्तिमान गढ़ेगा. चाहे लोग कितना भी इसकी सफलता का कारण घर में बंद होना और, और कोई ऑप्शन न होना बता रहे हो, लेकिन यह उतना ही सच है कि अमेज़न, नेटफ्लिक्स जैसे तमाम विडियो स्ट्रीमिंग चैनल होने के बावजूद रामानंद सागर की रामायण को पुरानी पीढ़ी के साथ – साथ नई पीढ़ी का भी उतना ही प्यार मिल रहा है. यह कोई इत्तेफ़ाक नहीं है कि राजा राम के साथ – साथ माता सीता, भैया लक्ष्मण, बजरंग बली और युवराज अंगद लगातार ट्विटर और इन्स्टा पर ट्रेंड करते रहे हैं. ये वही रामानंद सागर की रामायण है जिसके किरदार निभाने वाले अभिनेता और अभिनेत्री जनमानस के लिए इतने पूजनीय हो गए थे कि उत्तर भारत के कई मंदिरों में राजाराम बने अरुण गोविल और माता सीता बनी दीपिका चिखलिया की धारावाहिक वाली तस्वीरे लगा दी गई थी जिनके सामने श्रद्धालु शीश झुकाते थे.

तो आइये जानते हैं, रामानंद सागर की रामायण के किरदारों को अमर कर देने वाले इन कलाकारों को

अरुण गोविल – मेरठ, उत्तर प्रदेश में जन्मे अरुण गोविल ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की पढाई की और साथ ही कुछ नाटकों में भी अभिनय किया. सन 1977 में ताराचंद बडजात्या ने उन्हें फिल्म “सावन को आने दो” में कास्ट किया. बाद में उन्हें “राधा और सीता” और “सांच को आंच नहीं” “जियो तो ऐसे जिओ” में भी लीड रोल मिले. “राधा और सीता” को छोड़कर उनकी सभी फ़िल्में खूब पसंद की गई. टीवी पर अरुण गोविल ने रामानंद सागर की ही “विक्रम बेताल” में विक्रमादित्य का रोल किया. इसके अलावा अरुण गोविल ने अलग अलग भाषाओँ की कई सारी फिल्मों और धारावाहिकों में काम किया. लेकिन रामानंद सागर की रामायण में निभाए गए श्रीराम के किरदार ने उन्हें अमर कर दिया. अरुण गोविल ने अभिनेत्री श्रीलेखा से शादी की है. उनके एक बेटा और एक बेटी है.

दीपिका चिखलिया – दीपिका बांद्रा, मुंबई के पाली हिल इलाके में पली बढ़ी हैं. फिल्मों में उन्हें अभिनेता राज किरण के साथ फिल्म “सुन मेरी लैला” में ब्रेक मिला. फिल्म अच्छी चली लेकिन इसके बावजूद दीपिका को अच्छी फ़िल्में नहीं मिली. सन 1987 में रामानंद सागर की रामायण में निभाए गए सीता के किरदार ने उन्हें सफलता की ऊँचाइयों पर पहुंचा दिया. उनकी पूजा देवी की तरह होने लगी. इसके बाद उन्होंने कई हिट फ़िल्में और धारावाहिक किये जिनमे रामानंद सागर की विक्रम और बेताल भी शामिल थी. रामायण के बाद आई उनकी उनकी हिट फिल्मों में “रुपये दस करोड़” और “घर का चिराग” भी थी जिसमें उनके साथ सुपरस्टार राजेश खन्ना थे. रामायण की सफलता ने उन्हें किसी पहचान का मोहताज नहीं रख छोड़ा था. इसी लोकप्रियता ने उन्हें भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर लोकसभा तक पहुंचा दिया था. दीपिका ने भी सह कलाकार अरुण गोविल की तरह कई भाषाओँ की फिल्मों में काम किया है. कॉस्मेटिक व्यवसाई हेमंत टोपीवाला से शादी के बाद दीपिका ने अपना पूरा वक़्त अपने परिवार को देना शुरू कर दिया. अपनी बेटियों निधि टोपीवाला और जूही टोपीवाला के जन्म के बाद दोनों बच्चियाँ ही दीपिका की प्राथमिकता बन गई. हालाँकि अब दोनों बेटियों के बड़ी हो जाने के बाद दीपिका एक्टिंग की दुनिया में लौट आई है. हाल ही में रिलीज़ हुई फिल्म “बाला” में दीपिका ने यामी गौतम की माँ की भूमिका निभाई थी.

सुनील लहरी - सन 1961 में दमोह, मध्य प्रदेश में मेडिकल प्रोफ़ेसर शिकार चन्द्र लहरी के घर जन्मे सुनील लहरी ने भोपाल से अपनी स्कूल की पढाई पूरी करने के बाद, मुंबई के विल्सन कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली. उनके अभिनय का सफ़र “द नक्सलाईट” से शुरू हुआ जिसमें वह स्मिता पाटिल के साथ थे. वह “फिर आई बरसात” में भी नज़र आए. लेकिन जनमानस के दिलों में उन्हें बिठाया रामानंद सागर की रामायण ने. अपने बेमिसाल अभिनय से भैया लक्ष्मण के किरदार में जान फूंक देने वाले सुनील लहरी ने बाद में फिल्म “बहारों की मंजिल” और धारावाहिक “परमवीर चक्र” में भी काम किया. अपने शानदार अभिनय की बदौलत सुनील लहरी रामायण के पुनर्प्रसारण में भी इन्टरनेट पर छाए हुए हैं और लगातार अभिनय की दुनिया में सक्रीय हैं.

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